Wednesday, October 26, 2011

Diwali Magic !!

 आज दिवाली के शुभ आवसर पर एक दो पंख्तिया सुनाता हूँ ...

इस दिवाली की यह जो रात आई है
मनं में बहूत सारे आस और तमन्नाये लायी है

आज होती है मनं की आसार पुरी जज्बातों की
कष्ट मानवता  का  बाहर  फ़ेंक डालती कतिनायो का
जज्बा लिए खेले लोग मिलकर इस त्यौहार में
दिलो को मिलाती तडपे नैनो को

यह बेशुमार ताश पत्तो का रस जो पिलाये
जुबान पर मितायियो का करे स्वाद रचन
बच्चों से करे आतिशबाजी पटाको और फवारो का
यह है सारे संसार का त्यौहार दिवाली दिलदारो का

आओ मिलकर खूब मनाये अतिउत्तम उत्सव दिवाली
करो प्यार का मिलाप और बांटो स्वाद प्रेम का
जीवन के कश्ती में यह सुलगता रहे बेहद उत्सव
समर्पण करू इस दिवाली में खुशिया बेशुमार

दिवाली है  द्वीपजलो का ,बहारो का ,रौनक और चमचमाती आतिशबाजी का  !!






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